प्रसंगवश
स्वच्छता में तेजी से आगे बढ़ रहा मध्यप्रदेश
सुरेश गुप्त, अपर संचालक, जनसंपर्क, म.प्र. भोपाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को शुरू हुए तीन साल हो गए है । इन तीन सालों में स्वच्छता के मामले में जितनी प्रगति मध्यप्रदेश ने की, उतनी अन्य कोई राज्य नहीं कर पाया । आज की स्थिति में तो प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मिशन के क्रियान्वयन ने जन-आंदोलन का रूप ले लिया है । लोग अपनी बस्ती, ग्राम, शहर और जिले को खुले मेंशौच से मुक्त बनाने के लिए सरकार के प्रयासों से अलग खुद भी नवाचार कर रहे है ।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान व मंत्री परिषद् के सदस्यों ने शौचालय निर्माण के लिए गड्ढे खोदे । इधर, प्रदेश में १५ सितम्बर २ अक्टूबर (गांधी जयंती) तक स्वच्छता सेवा पखवाड़ा भी मनाया गया । सैकड़ों ऐसे उदाहरण है, जो बताते है कि प्रदेश स्वच्छता के मूल मंत्र को जन-सेवा से जोड़कर इस दिशा में तेजी से डग भर रहा है । स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत प्रदेश की सभी २२ हजार ८२४ ग्राम पंचायतों के एक करोड़ १८ लाख १५ हजार आवासीय घरों में स्वच्छ शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य लेकर प्राणपण से काम किया जा रहा है ।
राज्य सरकार का संकल्प प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र को खुले मेंशौच से मुक्त बनाना है । अभियान में अब तक ११ जिले, ५१ विकासखंड, ७५३२ ग्राम पंचायत व १७ हजार ९८९ ग्राम खुले में शौच से मुक्त हो चुके है । वर्ष २०१३-१४ में ग्रामीण क्षेत्र में ५ लाख, १५ हजार ५८४ शौचालय थे, जो अब बढ़कर ७८ लाख ८१ हजार से ज्यादा है । अब स्वच्छता अभियान सुखद आश्चर्य पैदा करता है ।
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