मंगलवार, 16 जनवरी 2018

प्रसंगवश
बाघों की गणना में उपयोगी तकनीकें
भारत विश्व के उन १३ देशोंमें शामिल है जहां बाघ पाएं जाते है । भारत में बाघों की सख्या विश्व के किसी भी देश से अधिक है । बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है जिस अग्रेंजी में टाईगर और संस्कृत में व्याघ्र कहतें है ।
बाघ वन्य आहार श्रंृखला की महत्वपूर्ण कड़ी होने के साथ ही परिस्थितिकीय तंत्र के स्वास्थ्य का भी प्रतीक है । बाघो की उपस्थिति किसी भी जंगल के संरक्षण की निशानी होती है । बाघ वैज्ञानिक , आर्थिक, सौंदर्य और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्व का जीव है । इसलिए इसका संरक्षण आवश्यक है ।
संरक्षण की दृष्टि से बाघों की सही संख्या का पता होना अति आवश्यक है । इसलिए हमारे देश में समय-समय पर बाघों को गिना जाता है । इंसानों की जनगणना की बात करें तो उसमें घर-घर जाकर आंकड़े जुटाए जाते है । लेकिन जंगली जानवरों की गणना के लिए उनके पास जाने का जोखिम नही उठाया जाता । इसके लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जाता है ।
बाघों की गणना करने की कई विधियां है । इनमें से एक विधि है केमरा ट्रैप सर्वेक्षण विधि । इस विधि में जंगल में बाघों द्वारा उपयोग कि ये जा रहे रास्तों पर सेकड़ों संवेदनशील केमरेंलगा दिये जाते है । जब कोई बाघ केमरें की रेंज में आता है तो सेंसर आधारित ये केमरेंउसकी तस्वीरें खींच लेते है । हालांकि कभी-कभार ऐसा भी होता है कि किसी क्षैत्र में बाघ का फोटो खींचे जाने के बाद वह अन्य क्षेत्र में चला जाता है और वहां भी उसकी तस्वीर खींच ली जाती है । ऐसे में दोहराव की संभावना रहती है । इससे बचने के लिए बाघ की धारियों के पेटर्न की सहायता ली जाती है । हर बाघ की धारियां हमारे फिंगर प्रिंट के समान अलग अलग होती है । इससे बाघ की पहचान की जा सकती है । इस प्रकार धारियों के आधार पर दोनों क्षेत्रों में ली गई तस्वीरों का मिलान किया जाता है, इससे एक बाघ की दो बार गिनती होने की संभावना नही रहती । धारियों के पेटर्न की पहचान करने के लिए कई सॉफ्टवेयर उपलब्ध है । हमारे देश मेंमुख्यतया वाइल्ड- आइडी नामक सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है ।
कैमरों से बाघों की गणना करने में जिन स्थानों पर परेशानी आती है और जहां बाघों का घनत्व कम होता है , वह डीएनए फिंगरप्रिंटिंग तकनीक का अधिक उपयोग किया जाता है । डीएनए फिंगरप्रिंटिंग तकनीक में बाघों को उनके मल से पहचाना जा सकता है । इसके साथ ही बाघों के पंजोंके निशानोंसे भी बाघ की संख्या की गणना की जाती है ।

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

Its my story - Navneet Kumar Gupta,
Thanks for published