मंगलवार, 16 जनवरी 2018

कविता
बया, हमारी चिड़िया रानी
महादेवी वर्मा
तिनके लाकर महल बनाती,
ऊ ँची डाली पर लटकाती,
खेतों से फिर दाना लाती,
नदियों से भर लाती पानी
बया, हमारी चिड़िया रानी ।।

तुझको दूर न जाने देंगे,
दानों से आँगन भर देंगे,
और हॉज में भर देंगे हम,
मीठा-मीठा ठन्डा पानी,
बया, हमारी चिड़िया रानी ।।

फिर अन्डे सेयेगी तू जब,
निकलेंगे नन्हे बच्चे तब,
हम आकर बारी-बारी से,
कर लेंगे उनकी निगरानी,
बया, हमारी चिड़िया रानी ।।

फिर जब उनके पर निकलेंगे,
उड़ जाएंगे बया बनेंगे,
हम तब तेरे पास रहेंगे,
तू मत रोना चिड़िया रानी,
बया, हमारी चिड़िया रानी ।।

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