पर्यावरण समाचार
मध्यप्रदेश में विश्व का सबसे बड़ा सोलर ऊ र्जा पार्क
म.प्र. में सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों से विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भता की स्थिति के बाद अब प्रदेश सरकार विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क स्थापित करने जा रही है ।
करीब तीन सालोंकी कवायद के बाद इसके परिणाम आने की संभावना है । सरकार ने इसके लिए इस अवधि में दो हजार मेगावाट सोलर एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा है । यह उत्पादन रीवा में शुरु हुए ७५० मेगावाट क्षमता वाले इस प्लांट के अतिरिक्त तीन अन्य जिलों में किया जाएगा । आगर-मालवा और शाजापुर जिलों में भी सोलर एनर्जी से बिजली की उपलब्धता के लिए प्लांट लगाने और उसकी बिजली खरीदने की तैयारी एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा कर ली गई है । कंपनी द्वारा यह बिजली रेलवे को देने की तैयारी की जा रही है । इसके लिए कंपनी द्वारा रेलवे प्रबंधन से भी संपर्क किया जा रहा है ।
सोलर एनर्जीके इन प्लांट से बिजली मिलने के बाद मध्यप्रदेश १०५० मेगावाट क्षमता वाली दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊ र्जा पार्क स्थापित करने की स्थिति मेंआ गया है । यह सोलर प्लांट तीनों ही जिलों के २१०० हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा । अब तक का सबसे बड़ा सौर पार्क ८५० मेगावाट की क्षमता वाला चीन मेंहै ।
पावर मैनेजमेंट कंपनी के अनुसार इस व्यवस्था के लागू होने के उपरांत थर्मल स्टेशन से उत्पादित बिजली का उपयोग आने वाले समय में अधिक मांग की स्थिति में या रात के समय की मांग को पूरा करने के लिए किया जाएगा । दिन मेंसोलर एनर्जी से उत्पादित बिजली की सप्लाई की जाएगी। यह भी बताया गया कि जब सोलर पार्क में कोई बिजली की आपूर्ति करने में सक्षम होंगे जो अन्य विद्युत स्टेशन से मिलती है इसके चलते प्रदेश मेंबिजली की डिमांड में कमी की स्थिति बनेगी और कंपनियों के राजस्व में वृद्धि हो सकेगी ।
इस नए सोलर पार्क को रीवा के `रस' माडल की तरह विकसित किया जाएगा, जिसमें तीन डेवलपर्स तीन क्षेत्रों पर काम करेंगे । रीवा के योजनाकार २.९७ रुपए के रिकार्ड कम टैरिफ हासिल करने में कामयाब रहे और नए बिजली संयंत्र को इसे दोहराने की उम्मीद है । रीवा संयंत्र से २०१८ के अंत तक बिजली उत्पादन शुरु होने की संभावना है ।
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मध्यप्रदेश में विश्व का सबसे बड़ा सोलर ऊ र्जा पार्क
म.प्र. में सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों से विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भता की स्थिति के बाद अब प्रदेश सरकार विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क स्थापित करने जा रही है ।
करीब तीन सालोंकी कवायद के बाद इसके परिणाम आने की संभावना है । सरकार ने इसके लिए इस अवधि में दो हजार मेगावाट सोलर एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा है । यह उत्पादन रीवा में शुरु हुए ७५० मेगावाट क्षमता वाले इस प्लांट के अतिरिक्त तीन अन्य जिलों में किया जाएगा । आगर-मालवा और शाजापुर जिलों में भी सोलर एनर्जी से बिजली की उपलब्धता के लिए प्लांट लगाने और उसकी बिजली खरीदने की तैयारी एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा कर ली गई है । कंपनी द्वारा यह बिजली रेलवे को देने की तैयारी की जा रही है । इसके लिए कंपनी द्वारा रेलवे प्रबंधन से भी संपर्क किया जा रहा है ।
सोलर एनर्जीके इन प्लांट से बिजली मिलने के बाद मध्यप्रदेश १०५० मेगावाट क्षमता वाली दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊ र्जा पार्क स्थापित करने की स्थिति मेंआ गया है । यह सोलर प्लांट तीनों ही जिलों के २१०० हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा । अब तक का सबसे बड़ा सौर पार्क ८५० मेगावाट की क्षमता वाला चीन मेंहै ।
पावर मैनेजमेंट कंपनी के अनुसार इस व्यवस्था के लागू होने के उपरांत थर्मल स्टेशन से उत्पादित बिजली का उपयोग आने वाले समय में अधिक मांग की स्थिति में या रात के समय की मांग को पूरा करने के लिए किया जाएगा । दिन मेंसोलर एनर्जी से उत्पादित बिजली की सप्लाई की जाएगी। यह भी बताया गया कि जब सोलर पार्क में कोई बिजली की आपूर्ति करने में सक्षम होंगे जो अन्य विद्युत स्टेशन से मिलती है इसके चलते प्रदेश मेंबिजली की डिमांड में कमी की स्थिति बनेगी और कंपनियों के राजस्व में वृद्धि हो सकेगी ।
इस नए सोलर पार्क को रीवा के `रस' माडल की तरह विकसित किया जाएगा, जिसमें तीन डेवलपर्स तीन क्षेत्रों पर काम करेंगे । रीवा के योजनाकार २.९७ रुपए के रिकार्ड कम टैरिफ हासिल करने में कामयाब रहे और नए बिजली संयंत्र को इसे दोहराने की उम्मीद है । रीवा संयंत्र से २०१८ के अंत तक बिजली उत्पादन शुरु होने की संभावना है ।
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